दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने शनिवार को विधानसभा में वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए 75,800 करोड़ रुपये का बजट पेश किया। उपमुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि बजट का उद्देश्य दिल्ली को covid-19 के बाद आर्थिक सुधार करने में मदद करना है। “दिल्ली की अर्थव्यवस्था धीरे-धीरे COVID-19 के प्रभाव से उबर रही है। 2022-23 के लिए बजट 75,800 करोड़ रुपये आवंटन किया गया है।” आम आदमी पार्टी (आप) सरकार का यह लगातार आठवां बजट है।
सिसोदिया ने कहा कि 2022-23 का बजट एक “रोजगार बजट” है। उन्होंने यह भी कहा कि दिल्ली की प्रति व्यक्ति आय राष्ट्रीय औसत से 2.7 प्रतिशत अधिक है। “वर्ष 2022-23 के लिए प्रस्तावित बजट अनुमान 75,800 करोड़ रुपये है। वर्ष 2021-22 के बजट अनुमान 69,000 करोड़ रुपये से अधिक और संशोधित अनुमान से 13.13 प्रतिशत अधिक है।
दिल्ली बजट 2022-23 पेश करते हुए मनीष सिसोदिया ने की यह मुख्य घोषणाएं :
- दिल्ली विधानसभा में अपने आठवें बजट में उपमुख्यमंत्री ने कहा, मैं दिल्ली के लोगों के लिए नई नौकरियां पैदा करने और हाल के वर्षों में COVID-19, GST और demonetisation के कारण हुए नुकसान से आर्थिक सुधार को बढ़ावा देने के लिए budget पेश कर रहा हूं। इस बजट में पेश की गई योजनाओं और प्रस्तावों से न सिर्फ दिल्ली के युवाओं को व्यापर के नए अवसर मिलेंगे, बल्कि पहले से स्थापित बिज़नेस और व्यवसायों को भी फायदा होगा। सिसोदिया ने कहा, मैं इस सदन में आने वाले वित्तीय वर्ष के लिए “रोजगार बजट” सदन में पेश करना चाहता हूं।
- COVID-19 की पांच लहरों के बीच दिल्ली की अर्थव्यवस्था धीरे-धीरे चुनौतियों से उभर रही है और इसके कारण मौजूदा बाजार कीमतों पर दिल्ली की जीएसडीपी 2020-21 में 7,85,342 करोड़ रुपये से बढ़कर 9,23,967 करोड़ रुपये होने की संभावना है। 2021-22। 17.65 प्रतिशत की वृद्धि। मैं यह भी स्पष्ट करना चाहूंगा कि वर्ष 2021-22 में दिल्ली की जीएसडीपी की वास्तविक वृद्धि दर 10.23 प्रतिशत रहने की संभावना है। जबकि राष्ट्रीय स्तर पर यह वृद्धि दर 8.9 फीसदी रहने का अनुमान है।
- वित्त वर्ष 2021-22 में मौजूदा कीमतों पर दिल्ली की प्रति व्यक्ति आय बढ़कर 4,01,982 रुपये होने की संभावना है। साल 2020-21 में यह 3,44,136 रुपये था। यह 2021-22 में दिल्ली की प्रति व्यक्ति आय में 16.81 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है।
- मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में, हम अगले पांच वर्षों में दिल्ली की वर्किंग पापुलेशन की आबादी को 33 प्रतिशत से बढ़ाकर 45 प्रतिशत करने का लक्ष्य लेकर चल रहे हैं। हमारी सरकार ने नए रोजगार उत्त्पन करने के लिए निम्नलिखित क्षेत्रों को प्राथमिकता के रूप में चुना है – खुदरा क्षेत्र, खाद्य और पेय पदार्थ, रसद और आपूर्ति श्रृंखला, यात्रा और पर्यटन, मनोरंजन, निर्माण, अचल संपत्ति और हरित ऊर्जा।
- हम दिल्ली के इन प्रतिष्ठित बाजारों को आकर्षक पर्यटन स्थलों में पुनर्विकास और बदलने की योजना बना रहे हैं। इसके लिए हम बजट में 100 करोड़ रुपये प्रस्तावित करते हैं। अगले पांच वर्षों में सिर्फ पांच बाजारों से कम से कम 1.5 लाख नए रोजगार के अवसर पैदा होंगे। हर साल देश और दुनिया के लोगों को दिल्ली में खरीदारी करने और इसे एक त्योहार के रूप में अनुभव करने के लिए आमंत्रित करने के लिए ‘दिल्ली शॉपिंग फेस्टिवल’ का आयोजन किया जाएगा।
- दिल्ली सरकार ने 750 करोड़ रुपये के अनुमानित परिव्यय के साथ दिल्ली की 600 से अधिक झीलों और जल निकायों को पुनर्जीवित करने के लिए एक महत्वाकांक्षी योजना शुरू की है, ताकि दिल्ली के जल निकायों को अतिक्रमण से मुक्त किया जा सके
- सभी economist इस बात से सहमत हैं कि जब तक महिलाएं कार्य से बाहर हैं, भारत का विकसित देश बनने का सपना सिर्फ एक सपना ही रहेगा। इसी को ध्यान में रखते हुए इस साल के बजट में महिलाओं के लिए रोजगार के अधिक अवसर पैदा करने पर जोर दिया गया है। ‘स्मार्ट अर्बन फार्मिंग’ पहल के तहत महिलाओं के लिए 25,000 नए रोजगार सृजित किए जाएंगे।
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